जेल में ऐसे गुजरी अतीक की पहली रात, दवा के लिए मांगा दूध

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नैनी। सोमवार की शाम जेल पहुंचे माफिया अतीक अहमद जेल मैनुअल के मुताबिक भोजन दिया गया। जबकि रोजा रखे अशरफ को फलाहार खाने को दिया गया।साबरमती जेल से 24 घंटे से अधिक समय तक सफर कर नैनी जेल पहुंचे अतीक को खाने में चावल, दाल, रोटी और लौकी की सब्जी दी गई। तैनात बंदीरक्षकों ने उनके बैरक तक भोजन को पहुंचाया। दवा खाने के लिए उन्होंने गरम दूध की मांग की थी। अशरफ रोजा रखे हुए था।उसे मेडिकल चेकप के बाद सीधे तन्हाई सेल पहुंचा दिया गया। जहां उसने अपना रोजा खोला। वह अपने साथ एक कंबल और बैग लेकर आया थी। उसके शरीर पर गरम जैकेट थी। पूछे जाने पर उसने बताया कि उसकी तबियत खराब है, इसलिए ठंडी लग रही। आलू और केला के साथ खाने की अन्य चीजें मुहैया कराई गई।

बता दें कि सोमवार शाम माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज ले जाने के दौरान कुंडा में हाईवे के 42 किमी एरिया में अजब सी दहशत रही। काफिले के सकुशल इधर से पास हो जाने पर लोकल पुलिस ने राहत की लंबी सांस ली। पूरे दिन हर ओर अतीक-अशरफ प्रकरण ही छाया रहा।क्या टीवी चैनल और क्या इंटरनेट प्लेटफार्म, हर जगह बस साबरमती से लेकर बरेली और नैनी जेल की चर्चा रही। इसका असर चर्चा में रहने वाले कुंडा पर भी पूरे 30 मिनट महसूस किया गया। हाईवे पर दौड़ती खाकी को देख कोई भी तमाशा देखने का साहस नहीं कर पाया।

सब हाईवे से दूरी बनाए रहे। बरेली से चला काफिला आने को लेकर कुंडा सर्किल की पुलिस की धड़कनें बढ़ गई थीं। आखिरकार योगी सरकार द्वारा इस प्रकरण को अति गंभीरता से लिए जाने के चलते मामूली चूक भी पुलिस को भारी पड़ सकती थी।वह ऐसा नहीं करना चाहती थी। यही नहीं उसे सतर्कता का संदेश भी कुछ समय पहले मिला था, जो शासन की रणनीति का हिस्सा था। ऐसे में कड़ी सुरक्षा के बीच शाम पांच बजकर पांच मिनट पर पुलिस का काफिला अशरफ को लेकर कुंडा के ब्रहमौली में प्रवेश किया। इसके बाद 5.22 मिनट पर मानिकपुर नगर पंचायत से गुजरते हुए कुंडा सीमा से आगे 5.35 मिनट पर पलये गांव के पास पहुंचा। इसके बाद काफिला प्रयागराज जनपद में प्रवेश कर गया। इसके बाद सभी ने राहत की सांस ली।

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