डॉ राजेश्वर सिंह ने सरोजनीनगर की बेटियों को पहले दिलाया ‘कौशल विकास प्रशिक्षण’ और अब ‘रोजगार’

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बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने का डॉ. राजेश्वर सिंह का प्रयास लाया रंग, बेटियों को मिला फ्लिपकार्ट में रोजगार
फ्लिपकार्ट में नौकरी पाने वाली 16 बेटियों को डॉ. राजेश्वर सिंह को टैबलेट और वस्त्र देकर किया सम्मानित
बेटियों को डॉ. राजेश्वर सिंह ने किया सम्मानित, करियर गाइडेंस, उच्च शिक्षा और कार्य के अवसर दिलाने का किया वादा
लखनऊ। सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह बेटियों की उत्तम शिक्षा के साथ-साथ उनके कौशल विकास कर, उन्हें कार्य के अवसर भी प्रदान करने हेतु निरंतर प्रयासरत हैं। परिणामस्वरूप सरोजनीनगर की बेटियां रोजगार प्राप्त कर आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बन रही हैं। क्षेत्र की ऐसी ही 16 बेटियों को सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपने आशियाना आवास पर सम्मानित किया। उन्होंने बेटियों को टैबलेट व साड़ियां बांटी। इन बेटियां को डॉ. राजेश्वर सिंह के प्रयासों से सरोजनीनगर में नि:शुल्क व उचित प्रशिक्षण प्रदान किया गया था जिसके परिणामस्वरूप उन्हें स्वदेशी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में रोजगार मिला।
इस दौरान सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने बेटियों को भविष्य में उच्च शिक्षा, कॉलेज में एडमिशन, स्टडी मैटिरियल, करियर गाइडेंस और रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने बेटियों को प्रोत्साहित किया एवं उनका मार्गदर्शन ​भी किया। बेटियों से बातचीत के दौरान डॉ. राजेश्वर सिंह ने उन्हें उच्च शिक्षा की महत्वता बताते हुए प्रतियोगिता परीक्षाओं में हिस्सा लेने और उज्जवल भविष्य बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
डॉ. राजेश्वर सिंह महिला स्वावलंबन के पक्षधर रहे हैं। खासकर बेटियों के कौशल उन्नयन और सशक्तिकरण की दिशा में डॉ. राजेश्वर सिंह ने कई अहम कदम उठाएं है। इसी क्रम में सरोजनीनगर की बेटियों को शुरुआत में शिक्षा, कौशल और आजीविका उन्नयन के बारे में परामर्श दिया गया था। इसके पश्चात इच्छुक उम्मीदवारों को ग्रामीण विकास मंत्रालय की दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत सोशल एक्शन फॉर वेलफेयर एंड कल्चरल एडवांसमेंट (S W A C A) द्वारा प्रशिक्षित किया गया था। प्रशिक्षण पूरा होने के उपरांत इन लड़कियों को अब फ्लिपकार्ट जैसी विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों में प्लेसमेंट मिला है। उनका वेतन पैकेज 13,500 रुपये निर्धारित किया गया है और साथ ही कार्यस्थल पर नाश्ता और दोपहर का भोजन भी उपलब्ध कराया जायेगा।
बता दें कि डॉ. राजेश्वर सिंह बेटियों की डिजिटल साक्षरता पर भी खास जोर देते हैं। उन्होंने अब तक क्षेत्र के 17 कॉलेजों में 175 कंप्यूटर प्रदान कर डिजिटल लैब स्थापित करवाया है। डॉ. राजेश्वर सिंह का मानना है कि भविष्य डिजिटल साक्षरता का है, इसलिए बेटियां डिजिटल जगत में अपनी विशिष्ट पहचान बनाएं, नई तकनीकी के साथ जुड़ें।

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