धर्मवीर प्रजापति का आक्रामक रुप : कुर्सी पर बैठकर नहीं,अब डीआईजी भी करेंगे जिलों का दौरा और पेश करेंगे रिपोर्ट
डीआईजी साहेब गच्चा ना दे इसलिये मंत्री और डीजी की चौकन्नी निगाहें रहेंगी इनकी रिपोर्ट पर,दोषी पर होगी कार्रवाई
संजय पुरबिया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के होमगार्ड,कारागार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति लंबे समय बाद ‘आक्रामक रुप’ अख्तियार करने जा रहे हैं। उन्हें ऐसे अधिकारी ‘नापसंद’ हैं जो वर्दी की जिम्मेदारी को सही ढंग से नहीं निभा पा रहे हैं। उन्हें ये ‘बर्दाश्त’ नहीं कि जिम्मेदार पद पर बैठकर सिर्फ कागजी कार्रवाई पूरी करें…इसीलिये उन्होंने होमगार्ड विभाग के सभी डीआईजी को भी अपने-अपने मंडल में औचक निरीक्षण करने का फरमान जारी किया है। इतना ही नहीं…। डीआईजी अपने दौरे में मंडलीय कमांडेंट की, मंडलीय कमांडेंट अपने जिला के कमांडेंट के कार्यों की समीक्षा करेंगे। मंत्री धर्मवीर प्रजापति शीघ्र ही अपर प्रमुख सचिव अनिल कुमार एवं डीजी बी.के.मौर्या के साथ बैठक कर तय करेंगे कि माह में कितने दिनों तक डीआईजी स्तर के अधिकारी दौरा करेंगे। अब डीआईजी साहेब ‘गच्चा’ ना दे इसलिये मंत्री जी सहित डीजी की चौकन्नी निगाहें इनके दौरा पर जाने और वहां की रिपोर्ट देने पर लगी रहेगी। ‘द संडे व्यूज़’ से खास बातचीत में होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि अब ऑफिस में बैठकर अधिकारी सिर्फ कागजी कार्रवाई नहीं करेंगे।
अधिकारियों को भी जिलों में दौरा कर अपने अधिनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों की रिपोर्र्ट देनी होगी। डीआईजी अपने मंडल के मंडलीय कमांडेंट की और मंडलीय कमांडेंट अपने कमांडेंट के कार्यों की समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। डीजी बी.के.मौर्या तय करेंगे कि कौन डीआईजी किस माह किन जनपदों का दौरा करेंगे। रिपोर्ट गोपनीय होगी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी तय की जायेगी।
श्री प्रजापति ने बताया कि अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है कि वे चिन्हित करेें कि कौन कर्मचारी सबसे अच्छा वर्दी पहन कर आ रहा है। वर्दी की शान बढ़ाने वाले कर्मचारियों को सम्मानित करेंगे। इससे क्या होगा कि सभी जवानों में साफ वर्दी पहनने को लेकर स्पर्धा जागेगी और वर्दी का मान बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि मुख्यालय पर आयोजित बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने स्तर से लंबित प्रकरणों का समाधान शीघ्र करें। सभी मंडलीय कमांडेंट अपने कमांडेंट के साथ माह में एक बार हर हाल में बैठक करें। इसी तरह कमांडेंट अपने अधीनस्थों के साथ बैठकर उनकी समस्याओं को सुने और मौके पर ही समाधान निकालें।