सर्वे: छह फीसदी महिलाएं चबा रहीं तंबाकू, शराब पीने का भी चढ़ा शौक

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लखनऊ।

महिलाओं में भी नशे का चलन बढ़ा है। इसकी पुष्टि एनएफएचएस (नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5) की रिपोर्ट कर रही है। इसके मुताबिक बरेली जिले की छह फीसदी महिलाएं तंबाकू और 0.3 फीसदी नियमित शराब का सेवन कर रही हैं। वरिष्ठ फिजिशियन के मुताबिक अब जिले की युवतियों और महिलाओं को भी नशे की लत लग चुकी है। पहली बार बरेली की महिलाओं में नशे को लेकर सर्वे हुआ। जारी रिपोर्ट के मुताबिक पुरुषों के सापेक्ष महिलाओं में नशे की लत अभी कई गुना कम है पर आगे चलकर यह महिलाओं में विभिन्न प्रकार के विकारों की वजह बनेगा।

पुरुष और महिला की शारीरिक क्षमता अलग होती है और नशे का दुष्प्रभाव भी अलग-अलग होता है। उन्होंने महिलाओं को नशे से दूर रहने का सुझाव दिया है।सर्वे 15 साल से अधिक आयुवर्ग की महिलाओं पर किया गया है। ज्यादातर 45 साल से अधिक आयु की महिलाएं नशे की चपेट में मिली हैं। युवतियों में तंबाकू चबाने के केस एक फीसदी भी नहीं हैं पर जिले की 1.06 फीसदी युवतियां सिगरेट का सेवन कर रही हैं।

नशे की लत से महिलाओं में गर्भधारण की क्षमता प्रभावित होती है। फीटल अल्कोहल स्पेक्ट्रम विकार यानी एफएएसडी होने से नवजात का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है। तंत्रिका तंत्र पर दुष्प्रभाव से हाथ-पैर में दर्द, सुन्न होना, भूलने की समस्या बढ़ती है।
इसके अलावा स्तन कैंसर, मुंह का कैंसर, इसोफेगस कैंसर, लिवर कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर की आशंका रहती है।तंबाकू सेवन का दुष्प्रभाव महिलाओं पर ज्यादा होता है। इसमें फेफड़ों पर दुष्प्रभाव से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, सांस लेने में कठिनाई, रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। किडनी की क्रियाशीलता और पाचन शक्ति प्रभावित होती है। विटामिन बी-1 (थियामिन) की कमी से आंखों की मांसपेशियों में कमजोरी, ऑस्टियोपोरोसिस, प्लेटलेट्स कम होने की आशंका रहती है।

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