शहीद नहीं, अब बलिदानी कहिये…
प्रज्ञा मिश्रा
लखनऊ। रोजमर्रा की जिंदगी में शब्दों का चयन बहुत सावधानी से किया जाना चाहिये, अन्यथा अर्थ का अनर्थ बनते...
गहलोत बनाम गांधी परिवार
लखनऊ। कहां तो अशोक गहलोत गांधी परिवार के 'छाया उम्मीदवार' के तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष बनने चले थे और कहां एक ही दिन में...
पांच राज्यों के चुनाव परिणाम : पराजय के लिये दिल्ली में बैठे आलाकमान है...
रघु ठाकुर
नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं और आम चर्चा तीन राज्यों...
क्या हमारी न्याय व्यवस्था में सभी को सुलभ तरीके से मिल रहा है न्याय...
रघु ठाकुर
नई दिल्ली। 26 नवंबर संविधान दिवस के दिन सर्वोच्च न्यायालय...
कब आयेगा राम राज्य ?
रघु ठाकुर
नई दिल्ली। 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर के पुन: निर्माण का काम पूरा हो गया है,...
चुनाव आयोग की ‘ईमानदारी’ लोकतंत्र की ‘आत्मा’ है
रघु ठाकुर
नई दिल्ली। देश में जनतांत्रिक प्रणाली को सफ ल बनाने के लिये निष्पक्ष और पैसे के प्रभाव से मुक्त...
फिर नोट वापसी: नकदी की विश्वसनीयता का भी है प्रश्न
देश के केंद्रीय बैंक द्वारा दो हजार के नोट वापसी की घोषणा के बाद नोटबंदी के तमाम विमर्श फिर चर्चा में हैं। आरबीआई का...
अबला तेरी यही कहानी…
रघु ठाकुर
नई दिल्ली। कहने को हम 21वीं सदी में हैं और आजादी के भी 75 वर्ष पूरे कर चुके हैं, परन्तु महिलाओं...
लोकतंत्र की आत्मा है ‘समान नागरिक संहिता’
विजय विक्रम सिंह
लेखक, पूर्वांचल विकास बोर्ड के सदस्य हैं
लखनऊ।पिछले दिनों राज्य सभा के एक सांसद ने 'यूनिफॉर्म सिविल कोड' लागू करने के प्रावधान वाले...
मणिपुर में फसाद पर विवाद
यह ठीक है कि सरकारें बर्मा से नाजायज तौर पर आने वाले कूकी समुदाय को मणिपुर के पहाड़ों पर कब्जा करते देखती रही और...